कप्तान उम्मेद सिंह महरा को नागालैंड के घने जंगलों में उग्रवादियों के कैंप का पता लगा। उन्होंने सैनिकों के साथ कई घंटे कठिन मार्ग पर पैदल यात्रा की और वहां पहुंचकर सामने से हमला बोला।
युद्ध में घायल होने पर भी उन्होंने अग्रणी रहकर अपन सैनिकों को कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने का अद्वितीय उदहारण प्रस्तुत किया।
Ashok Chakra Awardee - Captain Ummed Singh Mahra (Hindi)
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